एकदम सही प्रहार यह कथा की वस्तु वास्तव में घटित घटनाओं पर आधारित है, केवल पात्राओं के नाम बदला गया हैं । एक लड़की अपनी निजी जीवन को दुनिया में खुलासा करती है । अकसर लड़कियाँ प्रेम कथाएँ केवल किसी से पंगा लेने में ही खत्म होने पर पूरे बनाते हैं । मगर किस हद तक? यह सवाल का जवाब जानने के लिए एक रूसी लड़की वयस्क बनने पर यह मांग पहचानती है । अपनी बचपन से लेकर कुछ वयस्क उमर तक कहानी को संक्षेप में पेश की गई है । उसकी जिंदगी कभी भी सहज और सम नहीं रही । तमाम पंगा लेने का मौका को हाथ से चूटने न देते हुए सब कुछ खो लेती है - हमसफर (तात्कालिक तौर पे अनेक आदमियाँ), दादाजी, कुछ लड़की-सहपाठियाँ, माँ-बाप का विश्वास और तो और, ख़ुद का सेहत भी क़ुबानी कर ले ली । एक मज़ेदार बचपन रूस की १९९० के दशक में छाये मुसीबतों में बीतते खत्म हो गई । और आगे यह लड़की अपनी सिर को एक कठोर रास्ते पर मुड़ी जलव
श्रीमती इल्योना कवलिन्को
यह हमारे कथा लेखिका श्रीमती इल्योना कवलिन्को जी के लिए हमेशा आसान नहीं थी । एक अच्छे खानदान से आई लड़की होने के नाते, प्रतिष्ठित शाला में पढ़कर आगे बड़ने गई, साथ ही संगीत एवं चित्र कला सीख लिया । १९९० के दशक में छाये पेरेस्त्रोइका, तक्तापलट, भूक, नोट-बंदी, सोवियत संघ टूट पड़ना, चेचेन यद्ध, कोम-संघर्ष, सामुदायिक हिंसा- और क्या नहीं? सब मुसीबतों में बीतते हुए, उसकी बचपन और जवानी इन सब के बीचोबीच खत्म हो गई । उनके सिर को एक कठोर रास्ते पर मुड़ी जलवायु में ड़ुबाना पड़ा ।
पता चला की कॉलेज की सांस्थिक जिंदगी उतना खुलासे में एहलान करनेवाली नहीं है जैसे लोग अक्सर समझते है । तब, एक दिन, उनकी जिंदगी एक तूफ़ानी तरीके पर घुमाव पर लेकर गई जितना की सब उनके हाथों से काबू चूट चुकी । आप मज़ेदार दोस्ती पे खुद को उटा लेकर उनके बीचोबीच ड़ाल लिए तथा प्य�